Thursday, June 21, 2012

एक ही ख्वाब था

एक ही ख्वाब था
तूम संग जिने का

ख्वाब ही रह गया

ख्वाबो पर तो
भरोसा ही नही था हमारा

आप ही बेवफा थे

जो अपना कहकर
बेगाना कर दिया..
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©प्रशांत शिंदे

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